Teaching and researching religions, languages, literatures, films, and ecology of India: http://philosophy.unt.edu/people/faculty/pankaj-jain

Sunday, July 15, 2007

विश्व हिन्दी सम्मेलन, न्यूयार्क

शनिवार जुलाई १४ को मॆं न्यूयार्क में आयोजित आठवें विश्व हिन्दी सम्मेलन में गया था, यह मेरा पहला अनुभव था। १००० से कुछ ज़्यादा लोग थे व सभी का जोश दर्शनीय था। संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी भी अन्य भाषाओं की तरह काम में ली जाए, यह एक मुख्य बिन्दु था। कम्प्युटर व इन्टर्नेट पर हिन्दी का प्रयोग अधिक हो, यह भी एक चर्चा का विषय था।

3 comments:

Kavita Vachaknavee said...

vistrit jan-kari hoti to achchha hota.

अनूप भार्गव said...

पंकज:
मैं भी हिन्दी सम्मेलन में उपस्थित था। तुम से मिलना नहीं हो सका लेकिन उस के विषय में बात करना चाहूँगा । क्या ठीक रहा , क्या नही ?
कभी समय मिले तो फ़ोन करना । 609-275-1968 (शाम को ८ बजे के बाद मैं अक्सर उपलब्ध रहता हूँ )

Shastri JC Philip said...

आज पहली बार आपके चिट्ठे पर आया एवं आपकी रचनाओं का अस्वादन किया. आप अच्छा लिखते हैं, लेकिन आपकी पोस्टिंग में बहुत समय का अंतराल है. सफल ब्लागिंग के लिये यह जरूरी है कि आप हफ्ते में कम से कम 3 पोस्टिंग करें. अधिकतर सफल चिट्ठाकार हफ्ते में 5 से अधिक पोस्ट करते हैं. किसी भी तरह की मदद चाहिये तो मुझ से संपर्क करे webmaster@sararhi.info -- शास्त्री जे सी फिलिप

मेरा स्वप्न: सन 2010 तक 50,000 हिन्दी चिट्ठाकार एवं,
2020 में 50 लाख, एवं 2025 मे एक करोड हिन्दी चिट्ठाकार!!

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पंकज जॆन

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